मुकम्मल खड़ा हूँ by Vineeta | Jun 5, 2020 | शेर न जाने कितनी दफ़ा गिरकर भी मुकम्मल खड़ा हूँ, अपना मक़सद है जीतने का, इसी ज़िद पे अड़ा हूँ।