मुझ को ये आरज़ू by ravi | Jun 25, 2020 | शेर मुझ को ये आरज़ू वो उठाएँ नक़ाब ख़ुद, उन को ये इंतिज़ार तक़ाज़ा करे कोई। mujh ko ye aarazoo vo uthaen naqaab khud, un ko ye intizaar taqaaza kare koee.