मोहब्बत की तो कोई हद by ravi | Jun 23, 2020 | शेर मोहब्बत की तो कोई हद, कोई सरहद नहीं होती, हमारे दरमियाँ ये फ़ासले, कैसे निकल आए। mohabbat kee to koee had, koee sarahad nahin hotee, hamaare daramiyaan ye faasale, kaise nikal aae.