जब हुआ [simple_tooltip content=’बोध, enlightenment’]इरफ़ाँ[/simple_tooltip] तो ग़म [simple_tooltip content=’जीवन का आराम, comfort of life’]आराम-ए-जाँ[/simple_tooltip] बनता गया
[simple_tooltip content=’प्रिय के लिए जुनून, passion for beloved’]सोज़-ए-जानाँ[/simple_tooltip] दिल में [simple_tooltip content=’दूसरों को दर्द, others pain’]सोज़-ए-दीगराँ[/simple_tooltip] बनता गया
[simple_tooltip content=’धीरे-धीरे , slowly and gradually’]रफ़्ता-रफ़्ता[/simple_tooltip] [simple_tooltip content=’अस्त- व्यस्त, transformed’]मुंक़लिब[/simple_tooltip] होती गई [simple_tooltip content=’रस्मो-रिवाज़’]रस्म-ए-चमन[/simple_tooltip]
धीरे-धीरे नग़्मा-ए-दिल भी [simple_tooltip content=’फ़रियाद, clamour’]फ़ुग़ाँ[/simple_tooltip] बनता गया
मैं अकेला ही चला था [simple_tooltip content=’गंतव्य की ओर, towards the destination’]जानिब-ए-मंज़िल[/simple_tooltip] मगर
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया
मैं तो जब जानूँ कि भर दे [simple_tooltip content=’आम और खास लोगों की शराब का गिलास, glass of wine of commoners and special people’]साग़र-ए-हर-ख़ास-ओ-आम[/simple_tooltip]
यूँ तो जो आया वही [simple_tooltip content=’मदिरालय का बूढ़ा प्रबंधक, ‘]पीर-ए-मुग़ाँ[/simple_tooltip] बनता गया
जिस तरफ़ भी चल पड़े हम [simple_tooltip content=’पैरों में छाले के साथ प्रेमी, lovers with blisters in feet’]आबला-पायान-ए-शौक़[/simple_tooltip]
[simple_tooltip content=’काँटा, thorn’]ख़ार[/simple_tooltip] से गुल और गुल से गुलसिताँ बनता गया
[simple_tooltip content=’दुःख की व्याख्या, interpretation of sorrow’]शरह-ए-ग़म[/simple_tooltip] तो मुख़्तसर होती गई उस के हुज़ूर
लफ़्ज़ जो मुँह से न निकला दास्ताँ बनता गया
दहर में ‘मजरूह’ कोई जावेदाँ मज़मूँ कहाँ
मैं जिसे छूता गया वो जावेदाँ बनता गया