फलक से ग़र जवाब आया, तो समझो इंक़लाब आया।
चलो सब धूप लूटेंगे, सुना है आफताब आया।
वो बारिश की तरह बरसा, वो अबके बेहिसाब आया।
फक़ीरी कर तो हम मानें, बड़ा आया नवाब आया।
मुक़द्दस तो नहीं फिर भी, कोई लेकर किताब आया।