नदी की तरह by ravi | Apr 6, 2020 | नज़्म न कोई छोड़ रहा है, न कोई खींचता है। मैं अपने आप बहे जाता हूँ, नदी की तरह, न डूबता हूँ, न रुकता हूँ, न सूखता हूँ।