किताबों से कभी गुज़रो by ravi | Apr 7, 2020 | शेर | 0 comments किताबों से कभी गुज़रो तो यूँ किरदार मिलते हैं गए वक़्तों की ड्योढ़ी में खड़े कुछ यार मिलते हैं जिसे हम दिल का वीराना समझकर छोड़ आये थे वहाँ उजड़े हुए शहरों के कुछ आसार मिलते हैं