क्या बताएँ के जाँ गई कैसे
फिर से दोहराएँ वो घड़ी कैसे
किसने रास्ते मे चाँद रखा था
मुझको ठोकर वहाँ लगी कैसे
वक़्त पे पाँव कब रखा हमने
ज़िदगी मुँह के बल गिरी कैसे
आँख तो भर गई थी पानी से
तेरी तस्वीर जल गयी कैसे
हम तो अब याद भी नहीं करते
आप को हिचकी लग गई कैसे