ऐसे डरे हुए हैं

ऐसे डरे हुए हैं

ऐसे डरे हुए हैं ज़माने की चाल से, घर में भी पाँव रखते हैं हम तो सँभाल कर। aise dare hue hain zamaane kee chaal se, ghar mein bhee paanv rakhate hain ham to sanbhaal...
ख़ुश्क बातों में कहाँ है

ख़ुश्क बातों में कहाँ है

ख़ुश्क बातों में कहाँ है शैख़ कैफ़-ए-ज़िंदगी, वो तो पी कर ही मिलेगा जो मज़ा पीने में है। khushk baaton mein kahaan hai shaikh kaif-e-zindagee, vo to pee kar hee milega jo maza peene mein...
ज़िंदगी क़रीब है!

ज़िंदगी क़रीब है!

ज़िंदगी क़रीब है किस क़दर जमाल से, जब कोई सँवर गया ज़िंदगी सँवर गई। zindagee qareeb hai kis qadar jamaal se, jab koee sanvar gaya zindagee sanvar...
दिल-जलों से दिल-लगी

दिल-जलों से दिल-लगी

दिल-जलों से दिल-लगी अच्छी नहीं, रोने वालों से हँसी अच्छी नहीं। dil-jalon se dil-lagee achchhee nahin, rone vaalon se hansee achchhee nahin
तिरे वा’दों पे कहाँ

तिरे वा’दों पे कहाँ

तिरे वा’दों पे कहाँ तक मिरा दिल फ़रेब खाए, कोई ऐसा कर बहाना मिरी आस टूट जाए। tire vadon pe kahaan tak mira dil fareb khae, koee aisa kar bahaana miree aas toot...