सामने है जो उसे

सामने है जो उसे

सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैं, जिस को देखा ही नहीं उस को ख़ुदा कहते हैं। ज़िंदगी को भी सिला कहते हैं कहने वाले, जीने वाले तो गुनाहों की सज़ा कहते हैं। फ़ासले उम्र के कुछ और बढ़ा देती है, जाने क्यूँ लोग उसे फिर भी दवा कहते हैं। चंद मासूम से पत्तों का लहू है...
राज़ ये सब को बताने की

राज़ ये सब को बताने की

राज़ ये सब को बताने की ज़रूरत क्या है, दिल समझता है तिरे ज़िक्र में लज़्ज़त क्या है। जिस में मोती की जगह हाथ में मिट्टी आए, उतनी गहराई में जाने की ज़रूरत क्या है। अपने हालात पे माइल-ब-करम वो भी नहीं, वर्ना इस गर्दिश-ए-दौराँ की हक़ीक़त क्या है। क़ाबिल-ए-दीद है...
यही वफ़ा का सिला है

यही वफ़ा का सिला है

यही वफ़ा का सिला है तो कोई बात नहीं, ये दर्द तुम ने दिया है तो कोई बात नहीं। यही बहुत है कि तुम देखते हो साहिल से, सफ़ीना डूब रहा है तो कोई बात नहीं। ये फ़िक्र है कहीं तुम भी न साथ छोड़ चलो, जहाँ ने छोड़ दिया है तो कोई बात नहीं। तुम्ही ने आइना-ए-दिल मिरा बनाया था,...
लज़्ज़त-ए-ग़म बढ़ा दीजिए

लज़्ज़त-ए-ग़म बढ़ा दीजिए

लज़्ज़त-ए-ग़म बढ़ा दीजिए, आप फिर मुस्कुरा दीजिए। चाँद कब तक गहन में रहे, अब तो ज़ुल्फ़ें हटा दीजिए। मेरा दामन बहुत साफ़ है, कोई तोहमत लगा दीजिए। क़ीमत-ए-दिल बता दीजिए, ख़ाक ले कर उड़ा दीजिए। आप अँधेरे में कब तक रहें, फिर कोई घर जला दीजिए। इक समुंदर ने आवाज़ दी, मुझ को...
ये दाढ़ियाँ ये तिलक धारियाँ

ये दाढ़ियाँ ये तिलक धारियाँ

ये दाढ़ियाँ ये तिलक धारियाँ नहीं चलतीं, हमारे अहद में मक्कारियाँ नहीं चलतीं। क़बीले वालों के दिल जोड़िए मिरे सरदार, सरों को काट के सरदारियाँ नहीं चलतीं। बुरा न मान अगर यार कुछ बुरा कह दे, दिलों के खेल में ख़ुद्दारियाँ नहीं चलतीं। छलक छलक पड़ीं आँखों की गागरें अक्सर,...
चराग़ों का घराना चल रहा है

चराग़ों का घराना चल रहा है

चराग़ों का घराना चल रहा है, हवा से दोस्ताना चल रहा है। जवानी की हवाएँ चल रही हैं, बुज़ुर्गों का ख़ज़ाना चल रहा है। मिरी [simple_tooltip content=’गुमशुदगी, गुमनामी, lost in wilderness’]गुम-गश्तगी[/simple_tooltip] पर हँसने वालो, मिरे पीछे ज़माना चल रहा है।...