उन्हें भी जोश-ए-उल्फत by ravi | Apr 13, 2020 | शेर | 0 comments उन्हें भी जोश-ए-उल्फत हो तो लुत्फ़ उट्ठे मोहब्बत का, हमीं दिन-रात अगर तड़पे तो फिर इस में मज़ा क्या है।