जब ग़म हुआ चढ़ा लीं by ravi | Apr 13, 2020 | शेर | 0 comments जब ग़म हुआ चढ़ा लीं दो बोतलें इकट्ठी, मुल्ला की दौड़ मस्जिद, ‘अकबर’ की दौड़ भट्ठी।