हँस के बोला करो बुलाया करो
आप का घर है आया जाया करो
मुस्कुराहट है हुस्न का ज़ेवर
मुस्कुराना न भूल जाया करो
हद से बढ़ कर हसीन लगते हो
झूटी क़स्में ज़रूर खाया करो
ताकि दुनिया की दिलकशी न घटे
नित-नए पैरहन में आया करो
कितने सादा-मिज़ाज हो तुम ‘अदम’
उस गली में बहुत न जाया करो